फिंगरप्रिंट सेंसर की मदद से हम अपने डिवाइस को लॉक कर सकते हैं, उसे एक्सेस कर सकते हैं. यह एक प्रकार से पासवर्ड के साथ-साथ हमारी आईडेंटिटी के रूप में भी प्रचलित हो रहा है.
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फिंगरप्रिंट सेंसर सुरक्षा की दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण इकाई बन गया है.
आइए चर्चा करते हैं, फिंगरप्रिंट सेंसर क्या होते हैं. यह सेंसर कितने प्रकार के होते हैं, और यह कैसे काम करते हैं. और कहां-कहां इनका उपयोग किया जा सकता है.
शुरुआती समय में यह एक बहुत ही प्रीमियम क्वालिटी की टेक्नोलॉजी हुआ करती थी. हालांकि यह एक कंपलेक्स टैक्लॉजी मानी जाती थी.
लेकिन समय के साथ-साथ जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास होता जा रहा है, वैसे वैसे आज के समय में फिंगरप्रिंट स्कैनर और सेंसर नजर आना काफी सामान्य हो गया है. आजकल हर दूसरे मोबाइल फोन के अंदर आपको फिंगरप्रिंट सेंसर फंक्शनैलिटी मिल जाती है.
फिंगरप्रिंट क्या है
हमारी अंगुलियों के अग्रभाग का वह हिस्सा जो नाखून के ऑपोजिट होता है, और उस पर जो यूनिक लाइन पैटर्न होता है. उसे फिंगरप्रिंट कहा जाता है. हर व्यक्ति की फिंगर्टिप पर लाइन पैटर्न अलग-अलग होता है.
फिंगरप्रिंट सेंसर का क्या आधार है
हमारे आंख की पुतलियों के समान हमारी उंगलियों के ऊपर हथेली की तरफ से उंगलियों की टिप के अग्रभाग पर काफी कंपलेक्स लाइने होती है यह लाइनें काफी यूनिक होती है जल्दी से यह किसी भी दूसरे व्यक्ति की अंगुलियों की लाइनों से मैच (मिलान) नहीं करती है.
इन्हें फिंगरप्रिंट्स कहा जाता है. यूनिक होने की वजह से यह हमारी आईडेंटिटी के रूप में डिजिटल फॉर्मेट में प्राप्त कर ली जाती है, और फिंगरप्रिंट सेंसर इन्हें माप कर हमारे आईडेंटिटी कंफर्म करता है.
तो कह सकते हैं कि फिंगरप्रिंट सेंसर टेक्नोलॉजी का आधार हमारी फिंगर पर रेखांकित यूनिक लाइनिंग डिजाइन है.
फिंगरप्रिंट सेंसर क्या है
अपने डिजिटल फॉर्मेट में पहले से ही स्थापित किसी भी व्यक्ति के फिंगर प्रिंट उपस्थित है और, फिजिकल रूप से व्यक्ति के फिंगरप्रिंट प्राप्त करके, पहले से ही उपस्थित फिंगरप्रिंट से मिलान करने की टेक्नोलॉजी फिंगरप्रिंट सेंसर के अंतर्गत आती है.
फिंगरप्रिंट सेंसर के प्रकार
वर्तमान में तीन प्रकार के fingerprint सेंसर या scanner है.
- ऑप्टिकल फिंगरप्रिंट सेंसर
- कैपिटेटिव फिंगरप्रिंट सेंसर
- अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर
ऑप्टिकल फिंगरप्रिंट सेंसर
ऑप्टिकल फिंगरप्रिंट सेंसर यह फिंगरप्रिंट टेक्नोलॉजी एक प्रकार से इमेज पर आधारित होती है. जैसे कि पहले से ही आपके पास एक फिंगरप्रिंट उपस्थित होता है, तो इस टेक्नोलॉजी में व्यक्ति के हाथ के निचले हिस्से की इमेज ली जाती है और उस इमेज को पहले से ही उपस्थित फिंगरप्रिंट इमेज से मैच कराया जाता है, और समान होने पर फिंगरप्रिंट मैच होने की पुष्टि कर दी जाती है.
यह टेक्नोलॉजी सुरक्षा के दृष्टिकोण से उतनी अच्छी नहीं मानी जाती है. क्योंकि यह इमेज के ऊपर काम करती है यह व्यक्ति के हाथों पर लाइंस पेटर्न की इमेज पर काम करती है. ना कि लाइन पैटर्न की वास्तविक स्थिति पर, इसलिए इसे इतना सुरक्षित नहीं माना जाता है.
कैपिटेटिव फिंगरप्रिंट सेंसर
यह टेक्नोलॉजी ऑप्टिकल सेंसर टेक्नोलॉजी की तुलना में काफी एडवांस है यह इमेज पर कार्य नहीं करती है बल्कि आपके उज्जवल वास्तविक फिंगरप्रिंट आकार पर कार्य करती है समझने के दृष्टिकोण से ऑप्टिकल सेंसर टेक्नोलॉजी टू डाइमेंशनल पैटर्न पर कार्य करती है जबकि यह थ्री डाइमेंशनल पैटर्न पर कार्य करती है इसलिए यह अधिक सुरक्षित है
सेंसर स्क्रीन जहां पर आप अपना फिंगरप्रिंट प्रेस करते हैं. वहां पर हजारों बहुत छोटे-छोटे कैपेसिटर्स लगे होते हैं. आप इन कैपेसिटर को chip कैपेसिटर भी कह सकते हैं. इनका आकार बहुत छोटा होता है. यह आपकी उंगली पर जो लाइनिंग होती है उनके उभार को मापते हैं. और आपके फिंगरप्रिंट का आकार बना लेते हैं, और उसे पहले से ही स्थापित फिंगरप्रिंट से मिलान करके रिजल्ट देते हैं.
अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर
इस टेक्नोलॉजी का विकास मोबाइल के प्रोसेसर को बनाने वाली कंपनी क्वालकॉम स्नैपड्रैगन ने विकसित किया है. यह एक प्रकार की 3D फिंगरप्रिंट तकनीक है. इस तकनीक का प्रयोग मुख्य रूप से मोबाइल फोन के लिए ही किया जाता रहा है.
यह काफी एडवांस टेक्नोलॉजी है इसमें अल्ट्रासोनिक किरणों को आपके फिंगर टिप के ऊपर भेजा जाता है, और यह आपके फिंगर टिप पर लाइनिंग अर्थात पैटर्न के आधार पर रिफ्लेक्ट होती है. इस रिफ्लेक्शन को काउंट करके आपके फिंगरप्रिंट को मैच किया जाता है.