रिफ्रेश रेट क्या होता है. मोबाइल स्क्रीन पर इसका क्या महत्व है
जब भी हम मोबाइल खरीदने जाते हैं, तो कुछ छोटी-छोटी बातों पर हम बहुत ध्यान देते हैं. जैसे कि…
- प्रोसेसर
- कैमरा
- बैटरी बैकअप
- मोबाइल साइज
- स्पीकर
- चार्जिंग
- डिस्प्ले इत्यादि
लेकिन इसके अलावा भी बहुत सारी ऐसी फैसिलिटी मोबाइल के अंदर आपको देखनी चाहिए, जिससे आपका यूजर एक्सपीरियंस अच्छा रहे.
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अक्सर देखा जाता है कि मोबाइल कंपनी अपने मोबाइल के रिफ्रेश रेट को हाईलाइट करती हैं लेकिन हम इसके विषय में अधिक नहीं जानते हैं.
आइए चर्चा करते हैं, आपके मोबाइल का रिफ्रेश रेट आपके यूजर एक्सपीरियंस के लिए कितना महत्वपूर्ण है.
रिफ्रेश रेट क्या होता है
एक सेकंड में आपके मोबाइल की स्क्रीन कितनी बार रिफ्रेश होती है. इससे आपके मोबाइल का रिफ्रेश रेट ज्ञात किया जाता है. इसे Hz में नापा जाता है.
अपने मोबाइल का रिफ्रेश रेट 60Hz, 90Hz और 120Hz देखा होगा. इससे अधिक रिफ्रेश रेट के भी मोबाइल आपको मार्केट में मिल जाएंगे.
किसी भी मोबाइल का रिफ्रेश रेट जितना अधिक होता है, उसके लिए उतनी ही अधिक लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और लेटेस्ट हार्डवेयर की आवश्यकता पड़ती है.
रिफ्रेश रेट क्या काम करता है
किसी भी मोबाइल की स्क्रीन का रिफ्रेश रेट आपके मोबाइल में होने वाली मूवमेंट को वास्तविक दिखाने में मदद करता है.
जैसे कि अगर कोई वीडियो रिकॉर्डिंग होती है, तो वीडियो है वह इमेज का इमेज होती है. जिन्हें एक के बाद एक करके दिखाया जाता है. आपको वीडियो में गति नजर आती है.
वास्तविकता में वह मात्र फोटो होते हैं, एक के बाद एक दिखाने से वह चलायमान नजर आते हैं.
एग्जांपल के लिए मान लेते हैं .........
अगर आपके फोन का रिफ्रेश रेट 60 Hz है तो वह 1 सेकंड में 60 फोटो खींचेगा.
अगर आपके फोन का रिफ्रेश रेट 90 Hz है तो वह 1 सेकंड में 90 फोटो खींचेगा.
अगर आपके फोन का रिफ्रेश रेट 120 Hz है तो वह 1 सेकंड में 120 फोटो खींचेगा.
अगर किसी वीडियो में 1 सेकंड के टाइम में 60 फ्रेम रन करते हैं और दूसरी वीडियो में 1 सेकंड के टाइम में 120 फ्रेम रन करते हैं तो 120 फ्रेम वाली वीडियो ज्यादा रियल नजर आएगी.
इसी प्रकार स्क्रीन पर अगर आप कोई भी कार्य करते हैं या कोई वीडियो देखते हैं तो अधिक रिफ्रेश रेट होने पर पिक्चर क्वालिटी अच्छी हो जाती है.
रिफ्रेश रेट के फायदे
- किसी भी मोबाइल स्क्रीन का रिफ्रेश रेट जितना अधिक होता है, उतना ही यूजर एक्सपीरियंस अच्छा होता है. आपको मोबाइल स्मूथ चलता हुआ नजर आएगा.
- अधिक रिफ्रेश रेट पर बनाई जाने वाली वीडियो क्वालिटी में अधिक अच्छी होती हैं.
- मोबाइल में स्क्रोलिंग के समय मोबाइल स्क्रीन अधिक रियल और स्मूथ लगती है,
- स्क्रीन क्वालिटी बढ़ जाती है.
- स्क्रीन विजुअल साफ और स्मूथ होते हैं
- गेम खेलते समय अधिक रिफ्रेश रेट गेमिंग एक्सपीरियंस को और अच्छा करता है. कम रिफ्रेश रेट होने पर पिक्चर फ्रेम कटने लगते हैं वह समस्या नहीं आती है.
- गेमिंग और एडिटिंग के समय और वीडियो क्रिएशन के समय अच्छा रिफ्रेश रेट होना आवश्यक होता है.
अधिक रिफ्रेश रेट के नुकसान
- अधिक रिफ्रेश रेट होने पर करंट अधिक खर्च होता है. बैटरी जल्दी समाप्त हो जाती है.
- अधिक रिफ्रेश रेट होने पर बनने वाले वीडियो में अधिक फ्रेम होते हैं वह अधिक स्पेस लेता है.
- मोबाइल रिसोर्सेज कंज्यूम करता है.
हालांकि अधिक रिफ्रेश रेट वाले मोबाइल को खरीदने में कोई समस्या नहीं होती है. क्योंकि अधिकतर कंपनी अपने स्मार्टफोन में रिफ्रेश रेट को मैनेज करने का ऑप्शन देती है. आप 60Hz से लेकर 120Hz तक आवश्यकता अनुसार अपना रिफ्रेश रेट सेट कर सकते हैं.
आप नॉर्मल स्मार्ट फोन यूज करते समय रिफ्रेश रेट 60Hz रख सकते हैं और आवश्यकता पड़ने पर इसे 120Hz तक बढ़ा सकते हैं.