रैम अर्थात RAM, इसकी फुल फॉर्म है रेंडम एक्सेस मेमोरी (Random Access Memory).
रैम को रेंडम एक्सेस मेमोरी के साथ-साथ टेंपरेरी मेमोरी भी कहा जाता है. यह किसी भी मोबाइल के लिए या कंप्यूटर के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण स्टोरेज होती है.
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अगर आपके मोबाइल या लैपटॉप का प्रोसेसर और मदरबोर्ड अर्थात सीपीयू बहुत अधिक एडवांस है. लेकिन रैम मेमोरी कम है, तो आपका डिवाइस बिल्कुल भी अच्छी तरह से परफॉर्म नहीं करेगा. बार-बार हैंग होता रहेगा.
इससे पता चलता है कि किसी भी डिवाइस के लिए रैम कितनी इंपॉर्टेंट होती है.
रैम इतनी आवश्यक क्यों है
हम जब भी किसी एप्लीकेशन को अपने स्मार्टफोन की स्क्रीन पर रन करते हैं, या चलाते हैं, तो वह एप्लीकेशन स्टोरेज से उठकर रैम मेमोरी में अपलोड हो जाती है और आप यहां उस पर एक्शन ले सकते हैं.
जैसे कि आप कोई वीडियो देख रहे हैं या आप कोई म्यूजिक सुन रहे हैं या आप एडिटर पर किसी भी प्रकार का कार्य कर रहे हैं या कोई भी अन्य टास्क परफॉर्म कर रहे हैं, तो स्टोरेज से एप्लीकेशन डाटा रैम मेमोरी में स्टोर होता है और वही से आप को डिस्प्ले होता है.
अगर आप अपनी डिवाइस से मल्टीटास्क परफॉर्म कर रहे हैं, अर्थात आपके डिवाइस पर कई सारी एप्लीकेशन खुली हुई है, तो उनके लिए रैम मेमोरी भी अधिक चाहिए होगी. ऐसे में मल्टी टास्क परफॉर्म करते समय कम रैम होने के कारण डिवाइस हैंग करने लगता है.
इसलिए मोबाइल या लैपटॉप के अच्छे परफॉर्मेंस के लिए आवश्यक रैम जरूरी होती है.
फोन में कितनी रैम होनी चाहिए
समय के साथ साथ इस प्रश्न का उत्तर बदलता जाता है. साथ ही साथ आप की आवश्यकता के आधार पर भी इस प्रश्न का उत्तर बदल जाता है.
- धीरे-धीरे हर एप्स अपडेट होती रहती है और उसमें फंक्शनैलिटी बढ़ती रहती है इस कारण से समय के साथ-साथ एप्लीकेशन को अधिक मेमोरी की आवश्यकता होने लगती है.
- जैसे-जैसे सिक्योरिटी थ्रेट्स बढ़ते जाते हैं, वैसे वैसे सिक्योरिटी को बढ़ाने के लिए भी अधिक रैम मेमोरी की आवश्यकता पड़ती रहती है.
- जैसे-जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम के नए-नए अपडेट्स आते रहते हैं, वैसे वैसे उन्हें अधिक रैम मेमोरी की आवश्यकता पड़ने लगती है. आने वाला हर नया ऑपरेटिंग सिस्टम पहले ऑपरेटिंग सिस्टम की तुलना में अधिक हैवी होता है, अधिक स्पेस लेता है.
- अगर आप मोबाइल गेम खेलने के उद्देश्य से मोबाइल ले रहे हैं तो रैम मेमोरी अधिक चाहिए. अगर आप साधारण उद्देश्यों की पूर्ति हेतु ही स्मार्टफोन ले रहे हैं तो कम रैम से भी काम चल जाएगा.
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और भी बहुत सारे छोटे-छोटे फैक्टर होते हैं जिनके आधार पर आप अपने लिए एक बेस्ट रैम साइज चुन सकते हैं. 2012 से लेकर 2015 तक के बीच में 2GB रैम एक मोबाइल के नजरिए से अच्छी मानी जाती थी.
- वहीं 2015 से लेकर 2020 तक 3GB से लेकर 4GB तक की रैम को अच्छा माना जाता था.
- अब 4GB से लेकर 6 GB की रैम वाले मोबाइल अच्छा परफॉर्मेंस देने की गारंटी रखते हैं.
- 2 से 3 वर्षों के बाद 6GB बेसिक और 8GB अच्छी रैम मानी जाएगी.
- हालांकि आज के समय 2GB रैम का मोबाइल इतनी अच्छी परफॉर्मेंस नहीं दे पाएगा.
क्या अधिक रैम अधिक बैटरी खपत करती हैं
मोबाइल में अधिक रैम होने से व्यक्ति मल्टीटास्किंग बहुत अधिक करता है, और कभी-कभी उन एप्लीकेशंस को भी खोलकर रखता है, जिनकी उन्हें आवश्यकता नहीं होती है.
ऐसे में वह एप्लीकेशन बैटरी की खपत करती हैं तो इस कारण भी अधिक रैम होने पर बैटरी खपत होती है.
हालांकि रैम बैटरी खपत के लिए इतनी अधिक जिम्मेदार नहीं होती है लेकिन अधिक मेमोरी होने पर थोड़ा अधिक मैनेजमेंट की आवश्यकता पड़ती है, तो कह सकते हैं कि कुछ खपत अवश्य बढ़ेगी.
रैम के प्रकार
1. SRAM
SRAM का पूरा नाम है Static Random Access Memory. डिवाइस के बंद हो जाने पर इसमे मौजूद डेटा भी खो जाता है. ये data को fast access करती है इसलिए इसे cache memory भी कहा जाता है. SRAM, flip-flop से मिलकर बनी होती है इसलिए ये कम refresh होती है.
2. DRAM
DRAM का मतलब है Dynamic Random Access Memory. SRAM के compare में इसकी data read करने की speed थोड़ी low होती है जिसके कारण इसे बार-बार refresh करना पड़ता है. ये प्रति सेकंड में हजार बार रिफ्रेश होती है और SRAM के मुकाबले DRAM काफी low price की होती है. अधिकांश device में यही RAM उपयोग की जाती है.